Sunday, June 30, 2013

लाषें हैं लाषों का क्या...

देवभूमि से संगमनगरी तक लाषें ही लाषें। उत्तराखंड सरकार की संवदेनहीनता पूरी दुनिया देख रही है। देष के लोगों को तो पहले ही पता हो गया था कि विजय बहुगुणा और राहुल गांधी से कुछ करना है तो वो है नाउम्मीदी। जो लोगों ने की थी और उन्हें मिली भी। हेमवती नंदन बहुगुणा का नाम आज उत्तराखंड के सीएम ने मिट्टी में मिला दिया। जिस बहुगुणा से इस बहुगुणा की पहचान थी, उसे मिटा दिया। यह केवल सरकार को कोसने भर की बात नहीं है सच है कि त्रासदी से कम लेकिन कुप्रबंधन से हजारों लोगों की मौत हो गई। राहत और बचाव कार्य पर ध्यान दिया गया होता तो इतनी जानें न जातीं। हजारों की संख्या में लोगों को हम बचा सकते थे। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार नीतियों और आपदाओं से निपटने की कोई कार्ययोजना न होने से हमने लोगों को बेमौत मरने के लिए छोड़ दिया क्यों कि हमें तो मालूम है कि अभी तो चार साल है। तब तक लोग सब कुछ भूल जाएंगे। इन्हें ये नहीं पता कि अब इनके जेहन से विजय बहुगुणा का नाम तब तक नहीं जाएगा जब तक कि ये लोग न मर जाएं जो बचकर लौट आए हैं।

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