Sunday, May 24, 2009

लो मैं आ गया

लो मैं आ गया
देर से ही सही लेकिन मैं भी आ गया। पहले पहल तो मैं अपने मित्रों का सुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिनकी प्रेरणा और जिनके प्रयासों से मैं ब्लाग की दुनिया में दाखिल हो सका। मेरे अजीज मित्र सीएनबीसी के सीनियर प्रोडयूसर हर्ष वर्धन त्रिपाठी हमेशा कहा करते थे कि पहला काम करो कि तुम एक कम्प्यूटर ले लो। जैसे तैसे जुगाड बना और उन्होंने ही मेरा ब्लाॅग खोल दिया। जब इसकी चर्चा मैंने अपने स्थानीय सीनियरों से की तो उनके दिमाग में भी हलचल हुई और मैं अपने ब्लाॅग पर कुछ लिख पाता कि उसके पहले आनंद मिश्र जी ने न केवल अपना ब्लाॅग बनाया बल्कि लिखने में भी वे बाजी मार ले गए। यह उनकी भी प्रेरणा है कि देर से ही सही लेकिन मैंने भी लिखना शुरू कर दिया। पहले तो मुझे फांट का झंझट झेलना पडा जिसे आनंद जी ने ही दूर किया और अब मैं आप सबके सामने हूं। लेकिन ब्लाॅग का चस्का यहीं नहीं खत्म हुआ एक दूसरे मित्र प्रकाश सिंह ने भी हम सबकी देखा देखी ब्लाॅगर हो गए। अब ब्लाॅगरों की फौज धीरे धीरे बढ रही है और वो दिन दूर नहीं जब इन्हीं में से कोई ब्लाॅगिंग की दुनिया में नाम करेगा। मैं हर्ष भाई को एक बार फिर धन्यवाद देना चाहूंगा जो हमेशा यही सोचते हैं कि मैं किसी से पीछे न रहूं।

3 comments:

  1. स्वागत है। ब्लॉग दुनिया में।

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  2. भइया मै भी एक भोजपुरी न्यूज चैनल का नौकर हूं..........

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